Posted by Admin on 2024-02-12 08:14:54 |
Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 51
दिल्ली आ रहे किसान आंदोलनकारी,दिल्ली पुलिस एक्शन मोड में
गाज़ीपुर बॉर्डर ( दिल्ली)।किसानों ने एक बार फिर इस चुनावी समय में सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आगाज़ कर दिया है। पंजाब,हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से किसान गाजीपुर बॉर्डर की तरफ कूच करने की तैयारी कर रहे हैं।इस बार भी किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्राली और राशन लेकर आने वाले हैं। अर्थात पिछली बार की तरह इस बार किसानों का प्लान लंबे समय तक दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर धरना देने का ही है। हालांकि, इस आंदोलन को पिछली बार की तरह सभी किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त नहीं है। यह किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर पर नहीं हो रहा है।इसे अलग-अलग किसान संगठन मिलकर आयोजित कर रहे हैं। किसानों की मांगों को लेकर सरकार के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन फाइनल सहमति नहीं बन पा रही है। किसान संगठन इस बार अपनी पुरानी मांगो को लेकर ही आंदोलन कर रहे हैं। इन मांगो में प्रमुखता है
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना
2. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना
3. कृषि ऋण की माफ़ी
4. लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय की मांग
5. भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए
6. कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए
7. किसानों और 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए
8. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान करना, सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाना और नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन करना
9. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को उसी तरीके से लागू किया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देशों को रद्द किया जाना चाहिए
10. कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।
किसानों के दिल्ली घेराव को रोकने के लिए हरियाणा और पंजाब से लगने वाले सिंघु बॉर्डर पर कटीले तार और सीमेंट के बैरिकेड लगा दिए हैं। दिल्ली में गाजीपुर टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस एतिहात के तौर पर तैयारी कर रही है, ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके। गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की गाड़ियां और बैरिकेड खड़े कर दिए गए हैं। सीसीटीवी और लाउडस्पीकर भी लगाए जा रहे हैं।
इस बार भी विपक्षी दलों द्वारा इन्हें भरपूर समर्थन मिलने की उम्मीद है । देखना होगा सरकार इस बार इस आन्दोलन से कैसे निपटती है ? क्या सरकार ने पिछले आन्दोलन से सीख कर कुछ नई रणनीति बनाई है ? किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर सरकार पहले ही अपना पक्ष मज़बूत कर लिया है और पूर्व में अनुमान लगाकर इनके आन्दोलन को पहले ही कमजोर कर चुकी है । और अपने आप इस आन्दोलन के खत्म होने का इंतजार करती दिख सकती है।